कोयलांचल/शाजी थॉमस/गेवरा दीपका/आंवली नवमी का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है इसे अक्षय नवमी कहा जाता है । दीपका में भी महिलाओं ने आज के दिन सुबह उठकर पूजा पाठ किया और पेड़ की छाया के नीचे खाना बनाकर सभी के साथ मिलकर खाना खाया ।धार्मिक मान्यता है कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी है। इस दिन दान, जप व तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं अर्थात इनका कभी क्षय नहीं होता हैं। भविष्य, स्कंद, पद्म और विष्णु पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। पूजा के बाद इस पेड़ की छाया में बैठकर खाना खाया जाता है। ऐसा करने से हर तरह के पाप और बीमारियां दूर होती हैं। इस दिन किया गया तप, जप , दान इत्यादि व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त करता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है। कोरबा जिले के ग्रामीण अंचलों में महिलाओं ने कई जगह पेड़ के नीचे पूजा पाठ कर पिकनिक का आयोजन किया ।इस अवसर पर प्रगति नगर दीपका के मनोकामना मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के बाद मंजू जायसवाल, ज्योति जायसवाल, हेमलता राजवाड़े ,प्रीति जायसवाल समेत कई महिलाओ विधिवत पूजा अर्चना किया ।और शाम को मंदिर में द्वीप प्रज्वलित कर अपनी मनोकामना के लिए भगवान से आशीर्वाद भी मांगा ।
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