शाजी थॉमस
कोयलांचल/कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष देखा जा सकता है क्योंकि यहां से जोगी कांग्रेस के दिग्गज नेता अमित जोगी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं । अमित जोगी के चुनावी मैदान में आने से कांग्रेस के लिए रास्ते कठिन हो जाएंगे । वहीं छत्तीसगढ क्रान्ति सेना के राजनीतिक विंग जोहर छत्तीसगढ पार्टी के बैनर तले सुरेंद्र प्रसाद राठौर भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं ज्ञात रहे की सुरेंद्र प्रसाद राठौर जमीनी स्तर से जुड़े हुए नेता है भू विस्थापितों को लेकर कई आंदोलन उनके द्वारा किए गए हैं साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृती तीज त्यौहार को लेकर संघर्ष करते रहे हैं कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में उनकी एक अच्छी खासी मतदाताओं के बीच पकड़ है। इनके अलावा कई नेता उम्मीदवार भी ताल ठोकने के लिए मानसिकता बने हुए हैं। ऐसे में प्रमुख प्रत्याशियों के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं।काफी दबाव और असमंजस की स्थिति के बीच कांग्रेस ने कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर मौजूदा विधायक और वरिष्ठ आदिवासी नेता बोधराम कांवर के पुत्र पुरुषोत्तम कंवर को यहां से टिकट दी है। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत के सदस्य प्रेमचंद पटेल है। इन दोनों के नाम की घोषणा होने के साथ माना जा रहा था कि कटघोरा में मुख्य मुकाबला पुरुषोत्तम और प्रेमचंद के बीच ही होगा। दोनों प्रत्याशियों की ओर से जनसंपर्क के साथ आवश्यक कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इन सब के बीच अब इस तरह की खबरें मिल रही है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र और पूर्व विधायक अमित जोगी का मूड कटघोरा से चुनाव लड़ने का बन रहा है। दावा किया जा रहा है कि एक-दो दिन के भीतर उनके नाम की घोषणा हो सकती है। राजनीतिक क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि अगर जोगी की एंट्री यहां होती है तो कटघोरा में राजनीतिक मुकाबला बेहद दिलचस्प होना संभावित है। इसके साथ ही क्षेत्रीय संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की ओर से सोनू राठौर और भुविस्तापितों की ओर से जिला पंचायत के सदस्य रह चुके अजय जायसवाल के द्वारा भी चुनावी समर में उतरने की मानसिकता बनाई गई है। जानकारों का मानना है कि युवा चेहरों के मैदान में होने से कई प्रकार के समीकरण बन जाए तो आश्चर्य नहीं और ऐसे में कुल मिलाकर प्रमुख दलों की उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ सकती है। कोरबा जिले में कोरबा विधानसभा के बाद सबसे ज्यादा मतदाता कटघोरा क्षेत्र में है। कांग्रेस और भाजपा के लिए नीतिगत रूप से उनके कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। जबकि बाकी उम्मीदवार अपने हिसाब से लोगों के पास पहुंचने के साथ उनसे मेंलजोल बढ़ाएंगे। नामांकन की प्रक्रिया के दौरान क्या कुछ तस्वीर बनती है, इसका सभी को बेसब्री से इंतजार है।