शाजी थॉमस

कोयलांचल/दीपका गेवरा/ भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा कोयला खदानों का विस्तार जारी है। इस कड़ी में दीपका क्षेत्र की परियोजना का विस्तार करने के क्रम में संबंधित क्षेत्र मलगांव के विस्थापन को लेकर पहली किश्त 63 करोड़ और 3 अक्टूबर को जारी की गई। वहीं अगली दूसरी किस्त में 63 करोड़ 7 लाख 6 हजार 751 रुपए की राशि बतौर मुआवजा जारी कर दी गई है। दूसरी ओर भुगतान के प्रकार और राशि में घटा-बढ़ी को लेकर नाराजगी के स्वर विस्थापितों में उभरे हुए हैं। अनेक भूविस्थापितों ने कहा है कि वे समाधान होने तक मुआवजा नहीं उठाएंगे।कंपनी सेक्रेटरी के द्वारा जारी एक पत्र में राशि घोषित करने की जानकारी दी गई है। 3 अक्टूबर की स्थिति में यह पत्र जारी किय गया है जो इस तरफ सर्कुलेट हो गया है। इसमें बताया गया है कि दीपका क्षेत्र के मलगांव ओपन कास्ट के विस्तार के लिए अर्जित मलगांव की जमीन और अन्य मामलों को लेकर मुआवजा राशि तैयार हुई है। इसका आंकड़ा 63 करोड़ से ज्यादा का है। इसमें लोगों की जमीन से लेकर बोरवेल, पेड़-पौधे और अन्य संसाधन को शामिल किया गया है। प्रबंधन के द्वारा सरकार की पुनर्वास और स्थापन नीति के अंतर्गत संबंधित व्यवस्थाएं दी जा रही है। उक्तानुसार मुआवजा राशि जारी करने के साथ इसे घोषित किया गया है। इस बीच मुआवजा राशि निर्धारण की खबर होने के साथ असंतोष के स्वर फूटने शुरू हो गए। दिलहरण सिंह , दिलराज सिंह , जवाहर सिंह चौहान,केशव जायसवाल, जीवराखन लाल सहित अन्य कई लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि उनकी जितनी पुश्तैनी संपत्ति मलगांव में थी और जिसका सर्वे तकनीकी आधार पर कराया गया उसके हिसाब से मुआवजा काफी कम है। यह उनकी समझ से परे हैं। जबकि नेतानुमा लोगों के प्रकरणों में किसी प्रकार की काटछांट नहीं की गई और उनके मुआवजा राशि करोड़ो में अलग-अलग नाम से बनाया गया है जो रकम का स्तर बहुत ज्यादा है। कुछ लोगों ने बताया कि जिनकी जमीन मौके पर नापी गई थी उनका नाम उस लिस्ट में है ही नहीं जिसको लेकर बहुत ज्यादा नाराजगी देखी जा रही है।संबंधित लोगों ने त्रुटियों की ओर इशारा करने की ओर कहा कि इसका निराकरण किया जाए तभी वे मुआवजा राशि उठाएंगे। तब प्रबंधन को जमीन खाली करा कर देंगे।

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