शाजी थॉमस
कोयलांचल/नई दिल्ली/ हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष नाथूलाल पांडेय के खिलाफ एचएमएस में अब बगावत शुरु हो गया है। उनपर उन्हीं के यूनियन के पदाधिकारी ने गंभीर आरोप लगाया है उनके मन तो नाथूलाल पांडे के द्वारा श्रमिकों के विरोध में कई कार्य किया जा रहे हैं। श्रमिक विरोधी कार्यो के वजह से पूरे हिंद मजदूर सभा के पदाधिकारी परेशान हुए हैं।
यूनियन के पदाधिकारीयों ने एक पत्र के मध्यम से बड़ा आरोप लगाया है, एचएमएस के महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू को उन्हें तत्काल पद से हटाए जाने की मांग की है।
पत्र लिखने वालों में एससीसीएल के रियाज अहमद, डब्ल्यूसीएल के शिव कुमार यादव, बीसीसीएल और सीसीएल के सिद्धार्थ गौतम, सीसीएल से राघवन रघुनंदन, सीसीएल से राजेश सिंह, ईसीएल से राकेश कुमार, एनसीएल से एमपी अग्निहोत्री शामिल हैं।
पत्र में संबद्ध यूनियन के पदाधिकारीयों ने कहा कि कि हिन्द मजदूर सभा की स्थापना सन् 1942 में समाजवादी विचारधारा के महान नेतृत्वों के अथक प्रयास से हुआ था। हालांकि वर्तमान समय में कोयला क्षेत्र में कार्य करने के लिए बनाई गई है ।
हिन्द खदान मजदुर फेडरेशन को अपने मजदूर हित के रास्ते से लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त कर तानाशाही व्यवस्था में लाकर खड़ा कर दिया गया है।हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन के वर्तमान अध्यक्ष अस्थाई हैं। वे पिछले 15 वर्षों से अधिक समय से पूर्णकालिक अध्यक्ष बने हुए हैं। वे तानाशाह के रूप में कार्य कर रहे हैं। इससे हिन्द मजदूर संभा को पूरे कोयला जगत में शर्मशार होना करना पड़ रहा है। लगातार नाथूलाल पांडेय के कुकृत्य से कोयला जगत में हिन्द मजदूर सभा के अन्य सभी नेता असहज स्थिति में आ गए हैं।नाथूलाल पांडेय हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन को अपना पॉकेट संगठन बनाकर सिर्फ अपने और अपने परिजनों के हित के लिए लगातार कार्य है। नाथूलाल के गलत कार्यों से हिन्द मजदूर सभा को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। मजदूर आंदोलन में गिरावट आ रही है।ऐसी परिस्थिति में कोई भी कंपनी में कार्यरत संगठन नाथूलाल पांडेय को हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन का अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं है। संगठन हित में तत्काल हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन का चुनाव कराया जाए या फेडरेशन का चुनाव होने तक एक संचालन समिति बनाई जाए। संचालन के साथ-साथ चुनाव कराने की उसकी जिम्मेवारी होगी। हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन का पूर्ण अधिकार अपने हाथों में लेकर एक गंभीर समस्या का समाधान करें।