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शाजी थॉमस

दीपका/कोयलांचल/11वें वेतन समझौते को लेकर कोयला उद्योग में अधिकारी और कर्मचारियों के बीच मतभेद उत्पन्न हो गए हैं। आधिकारी वर्ग की माने तो कर्मचारियों के वेतन अधिकारियों के वेतन से अधिक हो रहा है,जो कि नियमों के विरुद्ध है।कोल इंडिया के नियम के अनुसार कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिए,इस मुद्दे को लेकर कोयला प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच गर्मागर्मी का माहौल उत्पन्न हो गया है इसके खिलाफ कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है ।

संयुक्त यूनियन 12 अक्टूबर को करेंगे तीन दिवसीय हड़ताल।

यूनियन के द्वारा 12अक्टूबर से हड़ताल की घोषणा की गई है जिसे लेकर सभी खदानों में श्रमिकों का गेट मीटिंग जारी है जिसका मकसद है कि प्रबंधन को आगाह करना। गेट मीटिंग के माध्यम से श्रमिक नेता कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल होने का आवाहन कर रहे हैं अधिक से अधिक संख्या में अपनी काम में अनुपस्थिति देकर हड़ताल को सफल बनाने का अपील किया जा रहा है।

गेवरा श्रमिक चौक में प्रबन्धन के खिलाफ़ नारेबाजी।

इसी कड़ी में गेवरा परियोजना में संयुक्त श्रमिक संगठनों द्वारा वेतन भुगतान विलंब एवं 11वां वेतन समझौता के संबंध में अधिकारियों द्वारा याचिका दायर करने के विरोध में धरना प्रदर्शन करते हुए संयुक्त श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी भारी संख्या में श्रमिक चौक में उपास्थित हुए और प्रबंधन के विरोधी नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

गौरतलब है कि कोल इंडिया के अधिकारियों ने कामगारों के 11 वां वेतन समझौते को जबलपुर, बिलासपुर व दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इसमें । 29 अगस्त को अंतिम सुनवाई के बाद जबलपुर उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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