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शाजी थॉमस

कोयलांचल/दीपका गेवरा/ईद मिलादुन्नबी, जिसे पढ़ा जाता है ईद-ए-मिलाद, एक महत्वपूर्ण मुस्लिम त्योहार है जो प्रवचन, प्रार्थना, और सामाजिक एकता के आदर्शों को प्रकट करने का मौका प्रदान करता है। यह त्योहार प्रतिवर्ष इस्लामी माह रबी-उल-आव्वल के 12वें और 17वें तारीख को मनाया जाता है, और इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी भाईचारे और मिलने का प्रतीक मानते हैं। गेवरा कॉलोनी में ईद मिलादुन्नबी का जश्न बहुत धूमधाम से मनाया गया। सुबह 8 बजे गेवरा कॉलोनी स्थित मस्जिद से निकली गई शोभायात्रा से त्योहार की शुरुआत की, जिसमें भविष्य की समृद्धि और सौभाग्य की कामना की गई।मदरसा इस हारूल उलूम दीपका के इमाम मौलाना गुलाम सरवर हबीबी और अन्य संगठन के सदस्यों ने नये पोशाक में उपस्थित होकर त्योहार को और भी ख़ास बनाया। इस समय, सभी समुदायों के लोग एक साथ आए और भाईचारे का प्रतीक दिखाया, जिससे सामाजिक एकता और सद्गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।इसके अलावा, नगर के कई हिस्सों में लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें हिंदू समुदाय के लोग भी साझा किए और एक साथ खाने का अवसर मिला। इससे सामाजिक सद्गुणों की प्रमोशन हुई और एकता का संदेश भी दिया गया कि सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होकर एक समृद्ध समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।ईद मिलादुन्नबी का यह मनाने का तरीका एक साथ और एकजुट समुदाय की ताकद को दर्शाता है और एक शांतिपूर्ण और सहयोगपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में हमारे समाज की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है।

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