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शाजी थॉमस

विषेश संवाददाता । कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीई) के सचिव को एक पत्र भेजा है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि कोल इंडिया ने गलत जानकारी देकर कोयला वेतन समझौते – 11 पर कोयला मंत्रालय की मंजूरी ली है।मंत्रालय की चिट्ठी से ट्रेड यूनियन हैरत में हैं। एक वरिष्ठ यूनियन नेता ने कहा कि मंत्रालय के रुख से लगता है। कि कोयला वेतन समझौता 11 फंस सकता है। डीपीई के निदेशक समेत कोल इंडिया के चेयरमैन और निदेशक कार्मिक को भी पत्र की प्रति भेजी गई है।

कोयला मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी अरविंद कुमार द्वारा जारी यह ऑफिस मेमोरेंडम जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा कोयला वेतन समझौते – 11 को रद्द करने के फैसले के संदर्भ में है। जबलपुर हाईकोर्ट ने कोयला अधिकारियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोयला वेतन समझौते 11 को लागू करने की कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी को रद्द कर दिया है। इस मामले में कोर्ट ने डीपीई को 60 दिनों के भीतर निर्णय लेने को कहा है। अधिकारियों ने याचिका में वेतन समझौते में डीपीई की गाइडलाइन का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कोयला वेतन समझौते 11 के कारण कुछ कर्मचारियों का वेतन ई- वन ग्रेड के अधिकारियों के वेतन से ज्यादा हो गया है। कोयला मंत्रालय के ऑफिस मेमोरेंडम से कोयला वेतन समझौते 11 को झटका लग सकता है। कोयला मंत्रालय के रुख को देखते हुए डीपीई ने इसी तरह का निर्णय ले लिया, तो पूरा मामला फंस जाएगा। ज्ञात हो कि पहले ही कोल इंडिया प्रबंधन जबलपुर हाईकोर्ट में उक्त मामले पर अपील में जा चुका है।

समझौते को बड़ा झटका

कोयला मंत्रालय ने डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के सचिव को भेजा पत्र

कोल इंडिया के चेयरमैन और निदेशक कार्मिक को भी पत्र की प्रति कोयला मंत्रालय ने भेजी।. कोयला मंत्रालय के पत्र से 11वें कोयला वेतन समझौते को बड़ा झटका लगा है।

यूनियनों की हड़ताल तय

कोयला वेतन समझौते 11 को लेकर – चल रहे विवाद को देखते हुए कोल इंडिया की पांचों सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने कोल इंडिया को पहले ही तीन दिनों की हड़ताल की चेतावनी दे दी है। पांच से सात सितंबर तक हड़ताल को लेकर कोल इंडिया को नोटिस भी दिया गया है। यदि अक्तूबर माह में सितंबर माह के वेतन भुगतान में कटौती की गई तो पांच से हड़ताल तय है।

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