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बिलासपुर /छत्तीसगढ राज्य पीएससी परीक्षा के परिणामों को लेकर पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में छत्तीसगढ़ पीएससी पर नियमों को दरकिनार कर नियुक्ति देने की बात कही थी। आज इसी मसले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए सरकार से जबाव मांगा है।

पूर्व मंत्री ने पीएससी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थें।

ननकीराम कंवर ने कोर्ट में दायर की याचिका में कहा है कि पीएससी ने अयोग्य उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी है।अफसरों के करीबियों को मिली नियुक्ति में आरोप लगाते हुए लिखा है कि राजभवन के सचिव अमृत खलको का बेटा और बेटी डिप्टी कलेक्टर के पद पर हैं। इतना ही नहीं पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों के नियुक्ति पर उन्होंने सवाल उठाते कहा कि पीएससी के पद पर बैठे जिम्मेदार लोगों ने न सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां बांटी बल्कि इसके तहत करोड़ों का भ्रष्टाचार भी किया हैं।

हाईकोर्ट ने लिया मामले को गंभीरता से।

इस मामले को हाईकार्ट ने गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बैंच ने पीएससी को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने यथा स्तिथि बनाए रखने को कहा है। जानकारी के अनुसार फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले में स्टे के बजाए यथा स्तिथि बनाए रखने आदेश दिए हैं। ।PSC परीक्षा में पहले भी कई गड़बड़ियां हुई थीं।. इस बार भी परीक्षा में गड़बड़ियां सामने आई हैं।‘प्रश्न का गलत उत्तर देने पर अंक दिए’प्रश्न का गलत उत्तर देने पर अंक दिए गए।तो वहीं सही उत्तर लिखने पर अंक ही काट लिए। आंसर शीट में सभी को एक ही नंबर दिए जा रहे हैं।. ये बेहद ही आपत्तिजनक है। सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।. इस गड़बड़ी के लिए सीएम भूपेश से CBI जांच की मांग की है।

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