Breaking

नितेश शर्मा

कोयलांचल/रांची/14 सितंबर को राँची में एटक ,बी एम एस ,एच एम एस,सीटू इंटक की बैठक तथा कथित अधिकारियों के द्वारा एन सी डब्ल्यू ए 11 के समझौते के खिलाफ उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट दायर करने के उपरांत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डी पी ई अनुमोदन की कमी पाते हुए 60 दिनों के अंदर डी पी ई के अनुमोदन की प्रक्रिया पूर्ण करने की अनिवार्यता के साथ प्रबंधन की अपील को ख़ारिज कर दिया अब सम्पूर्ण न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण करने की ज़िम्मेदारी कोयला प्रबंधन की है ज़ाहिर सी बात है पाँचों श्रम संगठनों ने एक सवाल पर 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर 2023 तक तीन दिवसीय कोयला प्रबंधन को एक मतेन फ़ैसला कर हड़ताल का नोटिस दिया है

,हड़ताल से बहार होना दुर्भाग्य पूर्ण

एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा ऐसे मे थोड़ी देर में ही एच एम एस ने अपने आप को हड़ताल से बाहर कर लिया जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है अधिकारियों के द्वारा न्यायालय में वेतन समझौता के ख़िलाफ़ रिट करने के सवाल पर सबसे ज़्यादा मुखर नजर आए बरिष्ठ नेता क्यो हड़ताल से पलट गए। मज़दूरों में चर्चा का विषय है जब सभी यूनियन ने मिलकर के प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए तीन दिवसीय हड़ताल का फ़ैसला किया है ।

अन्य मुद्दे इस हड़ताल में शमिल नही ।

ट्रेड यूनियन के बीच कई ऐसे मुद्दे है जिसका समाधान होना चाहिए किन्तु आज सबसे बड़ी समस्या है कोयला मज़दूरों के लिए ऐतिहासिक वेतन समझौता 11 जिसके आधार पर मज़दूरों को वेतन भुगतान मिल रहा है उसकी रक्षा करना है बाक़ी मुद्दों पर तो बात फिर हो सकती हैं ।इस महत्वपूर्ण बिंदु के साथ कोई और बिन्दु पर ज़ोर देने से वेतन समझौता 11 के लिये दबाव की कार्यवाही कमज़ोर हो सकती है

एकता कायम कर हड़ताल सफल बनाने की अपील।

श्री सिंह ने कहा एक बार फिर से हम सभी पाँचों यूनियनों को एकता क़ायम करना चाहिए और 5 अक्टूबर से सात अक्टूबर तक कोयला उद्योग में हड़ताल करने की तैयारी करनी चाहिए कोयला उद्योग में हड़ताल से मांगे पूरी हो जाएगी। आज यही आवश्यक है किसी भी परिस्थिति में ट्रेड यूनियनों की एकता क़ायम रहनी चाहिए इसके लिए ही कोशिश की जानी चाहिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!