गेवरा/ नितेश शर्मा

एसईसीएल गेवरा माइंस 1982 से संचालित है विगत 40 वर्ष होने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है गेवरा माइंस की अंदर भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियां नहीं बैठाई जाएगी ना हीं इसकी जानकारी गेवरा जेसीसी मेंबर को है गेवरा के अधिकारियों का कहना है कि खदान दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहा है सुरक्षा की दृष्टिकोण से अब लोगों को खदान के अंदर सुरक्षा के अभाव में किसी प्रकार का दुर्घटना हो सकता है जिसे देखते हुए पूजा के दिन भी माइंस चालू रहेगी और भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति एसईसीएल गेवरा प्रबंधन द्वारा गेवरा स्टेडियम में भव्य रूप से बैठाया जायेगा। यह पहली बार होगा कि गेवरा माइंस बंद नहीं होगी और उत्पादन जारी रहेगा।जबकि दीपका माइंस में ऐसा कोई नियम नहीं है।गौरतलब हैं कि पिछले कई वर्षों से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोग विश्वकर्मा जयंती के दिन को एक उत्सव के रूप में मानते थे और इस दिन यहां पर लोगों का आवागमन लगातार जारी रहता था ग्रामीणों को इस बहाने मशीनरी सामानों को देखने का भी मौका मिलता था ।गांव के छात्र छात्राएं इस बहाने मशीनरी संबंधित ज्ञान को बटोर लिया करते थे मगर एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा जो कदम उठाए गए हैं उससे ग्रामीण लोग भी हताहत होंगे जो ग्रामीण पूरी तैयारी के साथ गेवरा खदान के भ्रमण करने आएंगे उन्हें निराश लौटना पड़ेगा।

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