
बिलासपुर जिले के रतनपुर प्रवास के दौरान सुरक्षा घेरा तोड़कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महिला व बच्चों से मिलने पहुंच गईं। इस दौरान उन्होंने बच्चो को टॉफी बांटे। अचानक राष्ट्रपति को अपने बीच पाकर महिला व बच्चों के खुशी का ठिकाना नहीं था। राष्ट्रपति मुर्मू ने महिला व छात्रा के इस पल को जीवन भर के लिए यादगार बना दिया, जिसे वो जीवन भर याद रखेंगी।
दरअसल, राष्ट्रपति मुर्मू सेंट्रल यूनिवर्सिटी की दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंची थीं। इससे पहले वे रतनपुर स्थित महामाया देवी दर्शन करने के लिए पहुंची, जहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा अर्चना की। देवी आराधना के बाद राष्ट्रपति मुर्मू वापस सेंट्रल यूनिवर्सिटी लौट रहीं थीं। तभी उनकी नजर एक मकान में पड़ी, जहां कंचन चित्रकार नाम की महिला संबलपुरी साड़ी पहनी हुई थी। उन्होंने तत्काल अपना काफिला रूकवाया और अपनी कार से उतर कर सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए सीधे महिला से मिलने पहुंच गई। इस दौरान राष्ट्रपति ने उनसे बातचीत की और परिवार के साथ ही आसपास के स्कूली बच्चों को टॉफी भी बांटे।
महिला बोलीं- संबलपुरी साड़ी देख पहचान कर रूकीं राष्ट्रपति
कंचन चित्रकार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महामाया मंदिर गईं, तब उन्हें देखने के लिए दरवाजे में बैठीं थीं। जाते समय वह सीधे चली गई, वह देख नहीं पाई थी। उनके आने का इंतजार था। पता नहीं यहां आने के बाद अचानक उनका काफिला रूक गया और राष्ट्रपति उनसे मिलने आ गईं। वे ओड़िशा की रहने वाली हैं। हम लोग भी मूलत: ओड़िशा से हैं। मैं संबलपुरी साड़ी पहनी थी। शायद इसी वो पहचान कर रूकीं होंगी।
हम इस क्षण को जीवन भर नहीं भूल पाएंगे
चित्रकार परिवार की बच्ची किरण चित्रकार दसवीं कक्षा की छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि रतनपुर प्रवास के दौरान राष्ट्रपति से मिलकर वह और परिवार के सदस्य अभिभूत हो गए। किरण ने कहा कि सपने में भी नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति से मिलने का कभी मौका मिलेगा। हम और परिवार के लोग इस अमूल्य क्षण को जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।