कोरबा/कुसमुंडा, 09 नवंबर 2025 छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना (गैर-राजनीतिक संगठन) ने आज SECL (दक्षिण पूर्वी कोयला क्षेत्र) के अधीन ठेका कंपनी नीलकंठ के HR मुकेश सिंह के खिलाफ तीव्र विरोध प्रदर्शन किया। संगठन ने मुकेश सिंह का पुतला दहन किया और हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने एक विशाल रैली निकालकर SECL मुख्य महाप्रबंधक के कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और ‘छत्तीसगढ़िया हक जिंदाबाद’ जैसे नारों से पूरा कार्यालय परिसर गुंजायमान हो गया। यह प्रदर्शन स्थानीय अधिकारों, रोजगार और कोयला क्षेत्र में छत्तीसगढ़िया युवाओं के हितों की रक्षा के लिए किया गया।यह आंदोलन छत्तीसगढ़िया अस्मिता को मजबूत बनाने की दिशा में एक नया कदम है। संगठन का मानना है कि SECL जैसे केंद्रीय संस्थानों में स्थानीय छत्तीसगढ़िया युवाओं को प्राथमिकता न मिलने से क्षेत्रीय असंतोष बढ़ रहा है। प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने बैनर और पोस्टर के माध्यम से अपनी मांगें रखीं, जिसमें HR मुकेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई, स्थानीय भर्ती कोटा बढ़ाना और छत्तीसगढ़िया अधिकारों की रक्षा शामिल है।प्रदर्शन में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरि, प्रदेश संगठन मंत्री उमागोपाल, जिला संयोजक अतुल दास महंत जिला अध्यक्ष अलेक्स टोप्पो, जिला संगठन मंत्री गंभीर दास महंत जिला सचिव विनोद सारथी, जिला सह-सचिव बसंत दास महंत, जिला संगठन प्रभारी राजेश साहू, हेमंत नामदेव एवं नरेश दास महंत, खंड प्रभारी गोविंदा सारथी, खंड अध्यक्ष माननीय कैलाश साहू, प्रमोद चंद्रा, अशोक डिक्सेना तथा खंड के समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे।प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरि ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी पिछली मांगें पूरी होने से उत्साह बढ़ा है, लेकिन SECL जैसे संस्थानों में छत्तीसगढ़िया युवाओं का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज का यह प्रदर्शन इंकलाब का संदेश है कि हम जल, जंगल, जमीन और रोजगार के लिए लड़ते रहेंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ आंदोलन है, जो संवैधानिक अधिकारों के दायरे में है।रैली महतारी अंगना कुसमुंडा से शुरू होकर SECL कार्यालय तक पहुंची, जहां घेराव के दौरान सुरक्षा बलों ने स्थिति पर नजर रखी। संगठन ने मांग की है कि SECL प्रबंधन तत्काल स्थानीय हितों पर ध्यान दे, अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन का समर्थन किया और इसे छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की लड़ाई बताया।यह घटना कोयला क्षेत्र में बढ़ते असंतोष को दर्शाती है, जहां छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना लगातार स्थानीय अधिकारों की वकालत कर रही है। संगठन ने भविष्य में इसी तरह के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों से अपनी मांगें मनवाने का संकल्प लिया है।

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