कोरबा।छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित राज्योत्सव से पहले एक लापरवाही भरा मामला सामने आया है। ओपन थिएटर में 2 से 4 नवंबर तक होने वाले कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, श्रम मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के कटआउट को पशु ट्रॉली में ढोए जाने की घटना को लेकर नगर निगम में हड़कंप मच गया है।
इस मामले को महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत ने गंभीरता से लिया है। उनके निर्देश पर निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय ने संबंधित अधिकारियों से 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। आयुक्त ने चेतावनी दी है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।बताया गया है कि यह दूसरी बार ऐसा हुआ है जब नेताओं के कटआउट पशु ट्रॉली में ले जाए गए। इससे पहले 11 सितंबर 2025 को भी इसी तरह की घटना हुई थी। उस समय अधिकारियों को मौखिक चेतावनी दी गई थी, लेकिन अब फिर वही गलती दोहराने पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है।
जिन अधिकारियों से जवाब मांगा गया है, उनमें —उप अभियंता अश्विनी दास, जिन्हें राज्योत्सव स्थल पर होर्डिंग लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी।स्वच्छता निरीक्षक रविंद्र थवाईत, जो पशु पकड़ने वाले ‘काऊ कैचर वाहन’ के प्रभारी हैं।उप अभियंता अभय मिंज, जो निगम के वाहन शाखा में वाहनों की मॉनिटरिंग करते हैं।इन तीनों की जानकारी और निगरानी में नेताओं के कटआउट पशु ट्रॉली से परिवहन किए गए, जिसे प्रशासन ने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उल्लंघन के रूप में दर्ज किया है।
महापौर संजू देवी राजपूत ने स्पष्ट कहा कि “मुख्यमंत्री, मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के सम्मान से जुड़ी किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह गंभीर प्रशासनिक चूक है। भविष्य में ऐसी घटना दोहराई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
इस मामले को लेकर युवा नेता अमित टमकोरिया ने भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने आरोपितों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाया, तो वे प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।नगर निगम प्रशासन अब मामले की जांच में जुट गया है और राज्योत्सव तैयारियों की निगरानी को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

