कोरबा/हरदीबाजार, 15 अक्टूबर 2025।एसईसीएल दीपका परियोजना से प्रभावित ग्राम हरदीबाजार में भूमि और परिसंपत्तियों के सर्वे कार्य को लेकर बुधवार को माहौल एक बार फिर गर्म रहने की संभावना है। प्रशासन ने स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात करने का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने इस कार्य हेतु पूर्ण तैयारी कर ली है।जानकारी के अनुसार, 15 अक्टूबर को सुबह से ही सर्वे कार्य किया जाएगा, हरदीबाजार क्षेत्र के आसपास की जमीनों से जुड़ा है। इस दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना या अव्यवस्था से निपटने के लिए कार्यपालिक दंडाधिकारियों एवं पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

अतिरिक्त कलेक्टर मनोज बंजारे रहेंगे सम्पूर्ण प्रभारी कलेक्टर के आदेशानुसार सर्वे के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।इनमें शामिल हैं —श्रीमती सीमा पात्रे, एसडीएम पाली रोहित सिंह, डिप्टी कलेक्टर अमित केरकेट्टा, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी दीपका अभिजीत राजभानू, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी बरपाली प्रियंका चन्द्रा, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी कटघोरा विष्णु प्रसाद पैकरा, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी हरदीबाजार सुश्री राशिका अग्रवाल, नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी पाली संदीप गुप्ता, नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी हरदीबाजार सभी अधिकारी मौके पर रहकर सर्वे प्रक्रिया की निगरानी एवं शांति व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

सर्वे के दौरान शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग ने भी व्यापक तैयारी की है।नगर पुलिस अधीक्षक दर्री विमल कुमार पाठक के निर्देशन में सुरक्षा व्यवस्था तैयार की गई है।इस टीम में —निरीक्षक मृत्युंजय पाण्डेय, थाना प्रभारी हरदीबाजार उप निरीक्षक प्रेमचंद साहू, थाना प्रभारी दीपका उप निरीक्षक राकेश गुप्ता, थाना प्रभारी कुसमुण्डा सहित जिले के कई थाना-चौकी से दर्जनों पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।इसके अलावा बटालियन से आए सशस्त्र बल और जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के जवानों की भी विशेष तैनाती की गई है, ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

हरदीबाजार के ग्रामीणों ने पहले कई बार सर्वे की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे और पारदर्शी मुआवजा एवं पुनर्वास की मांग की थी।

अब प्रशासनिक तैयारी के बीच सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ग्रामवासी 15 अक्टूबर को क्या रुख अपनाते हैं , सहयोग का या विरोध का। यह कार्यवाही न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आने वाले समय में क्षेत्र के पुनर्वास और विकास की दिशा तय करने वाला कदम भी साबित हो सकता है।

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