हरदीबाजार।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को हरदीबाजार में आयोजित एक सभा में स्थानीय ग्रामीणों और भूविस्थापितों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हक और अधिकार की लड़ाई को हर हाल में लड़ा जाएगा।
सभा को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा –
“अगर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़े और इसके लिए जेल भी जाना पड़े, तो पीछे नहीं हटेंगे। अगर चुप रहे तो अधिकार छिन जाएंगे।”
सभा स्थल पर उमड़े जनसमूह के बीच उन्होंने संकेत दिया कि अगर प्रभावितों की मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस विधायक भी आंदोलन का हिस्सा बन सकते हैं।
बघेल ने रखीं प्रमुख बातें –
- प्रभावित परिवारों को 2025 की दरों पर मुआवजा दिया जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार शहरी क्षेत्र में दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना मुआवजा दिया जाए।
- मकानों को तोड़ने से पहले सर्वे और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
- 2004 के बाद की भूमि रजिस्ट्री को भी मान्यता दी जाए।
पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने कहा –
“जब तक उचित समाधान नहीं होगा, तब तक जमीन देना संभव नहीं है।”
वहीं, बोधराम कंवर, जिन्हें छत्तीसगढ़ का गांधी कहा जाता है, ने सवाल उठाया –
“जब दूसरे कानूनों में संशोधन हो सकता है, तो एसईसीएल से जुड़े प्रावधानों में क्यों नहीं?
ग्रामीणों की भारी मौजूदगी और नेताओं के तेवरों से सभा स्थल पर माहौल बेहद गर्म रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान अब टाले जाने योग्य नहीं है।