शाजी थामस
कोरबा, दीपका:दीपका क्षेत्र स्थित CHP कोलवासरी परियोजना में उस समय हड़कंप मच गया जब हेम्स जेएमटीसी ठेका कंपनी के खिलाफ सैकड़ों ठेका मजदूरों ने काम का बहिष्कार करते हुए जोरदार हड़ताल छेड़ दी। मजदूरों ने आरोप लगाया कि ठेका कंपनी वर्षों से श्रमिकों का शोषण कर रही है, न तो उन्हें उचित वेतन मिल रहा है और न ही पुराने मजदूरों को पुनर्नियोजन दिया जा रहा है।
इस आंदोलन के कारण प्लांट का संचालन लगातार 6 घंटे तक पूरी तरह ठप रहा।
मजदूरों का आरोप – मेहनत हमारी, फायदा कंपनी का प्रदर्शनकारी मजदूरों का कहना है कि हेम्स एंड जेएमटीसी द्वारा लगातार मजदूरों के अधिकारों की अनदेखी कर रही है। वर्षों से सेवा दे रहे मजदूरों को अचानक हटाया जा रहा है और उनके स्थान पर नए लोगों को बिना प्रक्रिया के लाया जा रहा है। यही नहीं, वेतन भुगतान में भी अनियमितता और कटौती की जा रही है।
मजदूरों ने एकजुट होकर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। मजदूरों की इस एकजुटता ने प्रबंधन की नींद उड़ा दी और परियोजना का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया।
लगातार दबाव के चलते अंततः हेम्स एंड जेएमटीसी कॉरपोरेशन को झुकना पड़ा। कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों से वार्ता की और उनकी प्रमुख मांगों को जल्द पूरा करने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद मजदूरों ने धरना प्रदर्शन समाप्त किया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि यदि वादे पूरे नहीं हुए तो अगली बार संघर्ष और भी बड़ा होगा।
इस घटना ने हेम्स ठेका कंपनी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ सरकार ‘श्रमिक कल्याण’ की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की कंपनियां मजदूरों का खुलेआम शोषण कर रही हैं।
SECL प्रबंधन को इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेकर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए ठेका कंपनी कि लापरवाही की वजह से प्रबंधन को जो नुकसान पहुंचा है उसकी भरपाई कैसे होगी ?