दीपका खदान एसईसीएल के दीपका क्षेत्र में एक बड़ी जांच का सबब बन गया है — सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की टीम पिछले एक सप्ताह से यहां दस्तावेज़ी जांच कर रही है। इस जांच की मुख्य बिंदु हैं ग्राम मालगांव, जिसे एसईसीएल द्वारा पूर्व में अधिग्रहित किया गया था, तथा अधिग्रहण की तैयारी में वर्तमान हरदी बाजार ग्राम।
मालगांव अधिग्रहण के समय कथित अनियमितताओं की शिकायत मिलने के बाद ही मामला सीबीआई के संज्ञान में आया था। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सीबीआई अधिकारी अब तक कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मांग चुके हैं — उनमें भूमि रजिस्टर, योजना रिपोर्ट, अधिग्रहण मुआवज़ा रिकॉर्ड और वित्तीय लेनदेन की कागज़ात शामिल हैं।
सीबीआई की यह विशेष निगरानी दर्शाती है कि केस सिर्फ मामूली विवाद नहीं है, बल्कि बड़ी गहराई वाला मामला बन चुका है। यदि जांच में अनियमितता पाई जाती है, तो यह SECL दीपका प्रबंधन और स्थानीय अधिकारियों दोनों के लिए गंभीर परेशानी बन सकती है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अधिग्रहण के लिए उन्हें उचित मुआवज़ा नहीं मिला और कई मामलों में मुआवजा राशि दिया ही नहीं गया, या उन्हें पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं दिखी। ऐसे में लोगों ने सरकार और सीबीआई दोनों से मांग कि जांच निष्पक्ष और तेज गति से होनी चाहिए, ताकि उन कमजोर वर्गों को न्याय मिल सके जिनके हित अधिग्रहण में जुड़े हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला सिर्फ जमीन अधिग्रहण तक सीमित नहीं — यह स्थानीय सत्ता, खनन कंपनी और निवासियों के बीच एक बड़े सत्ता-संघर्ष का प्रतीक भी बन सकता है। यदि सीबीआई निष्कर्ष निकालती है कि किसी तरह का गड़बड़ हुआ है, तो इसका असर SECL की नीतियों और खनन-जमीन अधिग्रहण की पूरी प्रणाली पर पड़ सकता है।

