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शाजी थामस

दीपका। भारतीय कोयला खदान मजदूर संगठन (बीएमएस) बिलासपुर द्वारा प्रगति नगर दीपका स्थित दुर्गा पंडाल में कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कोयला उद्योग प्रभारी लक्ष्मा रेड्डी और महामंत्री सुजीत सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। केंद्रीय नेताओं के मौजूदगी पर बाइक रैली की माध्यम से स्वागत किया गया।

इस दौरान रेड्डी ने मजदूर हितों के लिए संगठन की उपलब्धियों और आगामी रणनीतियों को लेकर विस्तार से चर्चा की। महामंत्री सुजीत सिंह ने कहा कि दीपका में प्रथम स्थान के साथ आने वाले समय में गेवरा में भी बीएमएस को प्रथम स्थान पर लाना लक्ष्य रहेगा।

बीएमएस ने मजदूरों के लिए दिलाई बड़ी उपलब्धियां

लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि अन्य यूनियन की तरह नहीं बल्कि बीएमएस मजदूरों के हितों के लिए संघर्षरत है। उन्होंने बताया कि:11वें वेतन समझौते में बीएमएस ने दो साल की कड़ी लड़ाई के बाद 19% वेतन वृद्धि सुनिश्चित कराई।

कोरोना काल में हुई मौत के मामलों में 15 लाख रुपये मुआवजा राशि दिलाने में बीएमएस ने अहम भूमिका निभाई।

खदान दुर्घटनाओं में मृत्यु होने पर 1 करोड़ रुपये मुआवजा तथा ठेका मजदूरों को 40 लाख रुपये का भुगतान स्वीकृत कराया गया।

बीमा योजना में कर्मचारी के खाते से कोई राशि न काटने का प्रावधान बीएमएस ने लागू कराया।

जनरल मजदूर पद हटाकर जनरल असिस्टेंट पद लागू कराने में भी संगठन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

महिला कर्मचारियों के हितों पर विशेष जोर।

रेड्डी ने बताया कि कोल इंडिया में 17 लाख से अधिक महिला कर्मचारी कार्यरत हैं। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए महिला विंग के साथ विशेष चर्चा की जाएगी। जिसमें महिला पदाधिकारी और अधिकारी मौजूद रहेंगे, जिनके समक्ष अपनी मांगों का रखेंगे।

50 वर्षों में वर्दी और जूते की व्यवस्था में सफलता

बैठक में रेड्डी ने कहा कि कोल इंडिया में वर्दी का प्रावधान नहीं था, लेकिन बीएमएस के दबाव के बाद प्रबंधन ने वर्दी और जूते उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की है।

सीएमपीएफ समेत अन्य मामले में 900 करोड़ के घोटाले की जांच की मांग

रेड्डी ने कोल इंडिया में हुए 900 करोड़ रुपये के सीएमपीएफ घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि बीएमएस संगठन ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

कोल इंडिया निजीकरण के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।

रेड्डी ने कहा कि कोल इंडिया के निजीकरण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। इसे मजदूरों के हितों के लिए एक गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि संगठन इसके खिलाफ लगातार संघर्षरत रहेगा।

कोयले के उत्पादन में कोयला श्रमिकों की भागीदारी नहीं के बराबर लेकिन फिर भी उत्कृष्ट कर्मचारी का अवार्ड कोल श्रमिकों को ।

कोयले के उत्पादन और कोल श्रमिकों के योगदान 20% होने के बावजूद कोयला कर्मचारियों को उत्कृष्ट श्रमिक का पुरस्कार प्रदान किया जाता है ठीक इसके विपरीत ठेका कर्मचारी के द्वारा कोयले के उत्पादन में 80% योगदान होने के बावजूद इन्हें किसी प्रकार का उत्कृष्ट अवार्ड नहीं दिए जाने के संबंध में मीडिया के सवालों पर जवाब देने से कोल इंडिया प्रभारी ने चुप्पी साध ली।

एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले कई वर्षों से छोटे निविदाओं को निरस्त कर बड़े रूप में निविदा किए जा रहे हैं जिससे लोकल क्षेत्रीय छोटे ठेकेदार निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लेने से बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे है इस सवाल पर श्री रेड्डी ने कहा कि इसे लेकर भी प्रबंधन से चर्चा जारी है। गौरतलब है कि वर्तमान में जो निविदा प्रक्रिया एसईसीएल द्वारा अपनाई जा रही है उसमें सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को ही लाभ हो रहा है।

इस बैठक में आशीष मूर्ति,अशोक मिश्रा,राधेश्याम जयसवाल,टिकेश्वर राठौर, मारूफ हक अंसारी,लक्ष्मण चंद्र,महेंद्र पाल,राम नारायण साहू,रमेश गुरुद्वान समेत गेवरा दीपका एवं केंद्रीय वर्कशॉप के समस्त बीएमएस कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

बीएमएस ने अपने संघर्षों और उपलब्धियों के माध्यम से मजदूरों का भरोसा जीतने का प्रयास किया और भविष्य में भी उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

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