शाजी थामस

गेवरा, 21 जुलाई 2025 — गेवरा क्षेत्र के ऊर्जा नगर बी1/74 में रहने वाले श्रमिक अनूप दुबे के परिवार के साथ बीती रात बड़ा हादसा होते-होते बचा, जब मकान की छत का प्लास्टर अचानक भरभरा कर नीचे गिर पड़ा।

हादसे के वक्त परिवार के सदस्य सौभाग्यवश दूसरे कमरे में थे, जिससे वे गंभीर चोट से बच गए। लेकिन अगर परिवार वहीं मौजूद होता, तो अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था।

यह घटना गेवरा सिविल विभाग की घोर लापरवाही और उदासीनता को बेनकाब करती है। क्षेत्र में लंबे समय से जर्जर मकानों की मरम्मत की अनदेखी हो रही है, जबकि कर्मचारी और रहवासी लगातार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं।

श्रमिक बोले – हादसा होता तो कौन जिम्मेदार?

स्थानीय कर्मचारियों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है; पहले भी ऐसी घटनाएँ घट चुकी हैं, मगर सिविल विभाग की ओर से महज़ कागजी खानापूर्ति कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।

नगर प्रशासन की अनदेखी पर उठे सवाल

इस हादसे ने नगर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। आखिर कब तक लापरवाही की भेंट चढ़ते रहेंगे गेवरा के श्रमिक परिवार? क्यों समय रहते जर्जर मकानों की मरम्मत नहीं करवाई जाती?

क्षेत्रवासियों की माँग है कि सिविल विभाग तत्काल इस हादसे का संज्ञान ले और जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए ठोस और समयबद्ध कदम उठाए, ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो और निर्दोष परिवार असमय किसी त्रासदी के शिकार न बनें।

बहरहाल यह हादसा तो टल गया, लेकिन गेवरा के सिविल विभाग की नींद अब भी नहीं खुली तो अगली बार परिणाम भयावह हो सकते हैं। समय रहते चेत जाएं, यही वक्त की माँग है!

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