शाजी थामस

कोरबा/23 सितंबर 2009 को कोरबा स्थित भारत एल्युमिनियम कंपनी (बालको) में निर्माणाधीन 120 मीटर ऊंची चिमनी के गिरने से 40 मजदूरों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। इस दर्दनाक हादसे के बाद राज्य सरकार ने जांच के लिए बक्शी आयोग का गठन किया था, लेकिन 16 साल बाद भी पीड़ित परिवारों को न्याय का इंतजार है।

जांच और मुकदमा: प्रबंधन पर शिकंजा कसा

दुर्घटना के तुरंत बाद बालको प्रबंधन और निर्माण में संलग्न ठेका कंपनियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। बक्शी आयोग की रिपोर्ट में कई तकनीकी खामियों और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को हादसे का कारण बताया गया है। आयोग की कार्य अवधि कई बार बढ़ाई गई, जिससे न्याय प्रक्रिया में देरी हुई।

नए अभियुक्त शामिल, प्रबंधन पर गिरी गाज

मामले की सुनवाई स्थानीय अदालत में जारी है, जिसमें अब बालको समेत SEPCO, GDCL, BVIL और DCPL कंपनियों को भी अभियुक्त के रूप में शामिल किया गया है। अदालत के सूत्रों के अनुसार, इन कंपनियों के अध्यक्ष, मैनेजिंग डायरेक्टर, महाप्रबंधक और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के नाम और पते अब तक नहीं मिल पाए हैं, जिससे उन्हें सीधे अभियुक्त नहीं बनाया जा सका है। हालांकि, अधिकृत प्रतिनिधियों के माध्यम से उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं।

16 साल बाद भी पीड़ित परिवारों को न्याय की आस

इस हादसे के 16 साल बाद भी पीड़ितों के परिजन न्याय की आस में हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिरकार दोषियों को कब सजा मिलेगी और उनके प्रियजनों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। हादसे के बाद मुआवजा तो दिया गया, लेकिन न्याय प्रक्रिया की धीमी गति ने उनके घावों को हरा रखा है।

प्रबंधन की बढ़ीं मुश्किलें, कड़ी कार्रवाई की मांग

बालको और अन्य ठेका कंपनियों के खिलाफ मामला फिर से गरमाने लगा है। अदालत द्वारा नए अभियुक्तों को शामिल करने के बाद प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पीड़ित परिवारों और श्रमिक संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

चिमनी हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा था। अब देखना यह है कि 16 साल बाद भी पीड़ित परिवारों को न्याय मिल पाएगा या यह मामला भी अन्य औद्योगिक हादसों की तरह फाइलों में ही दबा रह जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

error: Content is protected !!