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शाजी थामस

वेलफेयर बोर्ड में सभी प्रमुख श्रमिक संगठनों के एक एक प्रतिनिधीयों मौजूद रहे जिन्होंने दीपका ईलाके का दौरा किया और मेंटेनेंस,प्रदूषण नियंत्रण और साफ-सफाई का जायजा लिया। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया,कि अधिकारियों की भर्रेशाही से बोर्ड की तरफ से जो फंड आया उसका बंदरबांट कर लिया गया और जो काम वास्तव में होने थे वो नहीं हुए। सीविल विभाग के अधिकारियों को विशेष तौर पर बोर्ड के सदस्यों ने निशाने पर लिया।

बजरंग शाही, सदस्य कंपनी वेलफेयर बोर्ड

एसईसीएल कंपनी वेलफेयर बोर्ड के सदस्यों का मानना है,कि विभागीय कॉलोनियों की साफ सफाई और क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए बोर्ड ने जो फंड जारी किया था उस हिसाब से काम ही नहीं हुआ। एसईसीएल दीपका क्षेत्र के निरिक्षण पर कोरबा पहुंचे कंपनी वेलफेयर बोर्ड के सदस्यों ने खुद यह बात कही है। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया,कि उनके आगमन की जानकारी मिलने पर पिछले चार दिनों से कॉलोनियों की सफाई की जा रही थी जबकि उससे यह पहले इस तरह के कार्य रुकें हुए थे। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही,उदासीनता और कमिशनखोरी के कारण कंपनी के फंड का उपयोग निजी स्वार्थों की सिद्धी के लिए हो रहा है। कंपनी वेलफेयर बोर्ड में सभी प्रमुख श्रमिक संगठनों के एक एक प्रतिनिधी मौजूद रहे जिन्होंने दीपका क्षेत्र की सड़कों,कॉलोनी का निरिक्षण किया और मेंटेनेंस के कामों पर भी नजरें दौड़ाई। बोर्ड के सदस्य किसी भी कामों से खुश नजर नहीं आए और दीपका सीविल विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

अजय विश्वकर्मा,सदस्य कंपनी वेलफेयर

वेलफेसर बोर्ड के सदस्यों ने सीविल विभाग के कामों पर नाखुशी जाहिर की। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है,कि कंपनी अपने कर्मचारियों को ऐसे नहीं छोड़ेगी और उनके हितों को लेकर जो भी कार्य करने हैं वो किए जाएंगे। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए नई तकनीक का सहारा लिया जाएगा वहीं साफ-सफाई को लेकर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

साल में एक बार कंपनी वेलफेयर बोर्ड के सदस्यों का दौरा होता है और हर साल फंड के दुरुपयोग की बात सामने आती है। लेकिन ताज्जुब की बात तो ये है,कि उनकी रोकथाम के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाए जाते। बहरहाल देखने वाली बात होगी,कि वेलफेयर बोर्ड के इस दौरे के बाद कोई परिवर्तन आता है,कि नहीं।

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