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शाजी थामस

नई दिल्ली। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने अपने बल सदस्यों की भलाई और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए आत्महत्या जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। वर्ष 2024 में सीआईएसएफ ने आत्महत्या दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है, जो पिछले पांच वर्षों में पहली बार राष्ट्रीय दर से भी नीचे आ गई है।आंकड़ों की समीक्षाराष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में राष्ट्रीय आत्महत्या दर 12.4 प्रति लाख थी। इसके विपरीत, सीआईएसएफ में आत्महत्या दर वर्ष 2024 में घटकर 9.87 प्रति लाख रह गई। यह वर्ष 2023 की तुलना में 40% से अधिक की गिरावट को दर्शाता है।

सफलता के पीछे ठोस पहलसीआईएसएफ ने मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के लिए कई योजनाओं को लागू किया है, जिनमें प्रमुख हैं:1. व्यक्तिगत जुड़ाव:”अपने जवानों को जानें और उनकी सुनें” के तहत कमांडिंग अधिकारी नियमित रूप से बल के सदस्यों से जुड़ते हैं।कंपनी कमांडर दैनिक ब्रीफिंग-डीब्रीफिंग सत्र आयोजित कर संकट के संकेतों को पहचानने और समाधान सुनिश्चित करते हैं।2. तनाव प्रबंधन और खेलकूद:प्रत्येक यूनिट में योग प्रशिक्षकों के माध्यम से नियमित योग कक्षाएं संचालित की जाती हैं।जवानों और अधिकारियों के लिए प्रतिदिन एक घंटे का खेल सत्र अनिवार्य किया गया है।3. मानसिक स्वास्थ्य पहल – “प्रोजेक्ट मन”:24×7 टेली-परामर्श और व्यक्तिगत परामर्श के जरिए लगभग 4,200 बल सदस्यों को मदद पहुंचाई गई है।

यह पहल आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के सहयोग से संचालित हो रही है।4. नई पोस्टिंग नीति:दिसंबर 2024 में अधिसूचित नई मानव संसाधन नीति के तहत बल सदस्यों के कार्यालयीन कार्य और पारिवारिक जीवन में बेहतर संतुलन सुनिश्चित किया गया है।महिला कार्मिकों, विवाहित दंपत्तियों और सेवानिवृत्ति के निकट बल सदस्यों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखा गया है।5. एम्स के सहयोग से अध्ययन:एम्स, नई दिल्ली के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर व्यापक अध्ययन किया गया, जिसकी सिफारिशों को यूनिट स्तर पर लागू किया जा रहा है।

सीआईएसएफ के महानिदेशक ने कहा, “बल के सदस्यों की मानसिक और भावनात्मक भलाई हमारी प्राथमिकता है। हमने उनके तनाव को कम करने और कार्य-जीवन संतुलन बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। आत्महत्या दर में कमी हमारी सामूहिक कोशिशों का प्रमाण है।

सीआईएसएफ ने मानसिक स्वास्थ्य, व्यक्तिगत जुड़ाव, और बेहतर कार्यशैली के माध्यम से अपने बल सदस्यों को सशक्त बनाने का जो संकल्प लिया है, वह अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है।

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