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शाजी थामस
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने ईडी की जांच और गिरफ्तारी प्रक्रिया को “परेशान करने वाला” और “अक्षम्य” बताया।
कोर्ट की प्रमुख टिप्पणियां,पूरी रात पूछताछ पर नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने रातभर पूछताछ करने की प्रथा पर कड़ा एतराज जताया और इसे “अस्वीकार्य” बताया। कोर्ट ने कहा कि यह तरीका न केवल अनुचित है, बल्कि मानवाधिकारों का उल्लंघन भी है। अदालत ने ईडी द्वारा एक ही दिन में टुटेजा को कई बार समन भेजने की प्रथा को भी अनुचित ठहराया।गिरफ्तारी में जल्दबाजी,सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर टुटेजा को जल्दबाजी में गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया कानून की मर्यादा के विपरीत है।विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया है कि वह अपनी कार्रवाई का विस्तृत विवरण एक हलफनामे के रूप में पेश करे।
यह मामला कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। रातभर पूछताछ और बार-बार समन भेजना व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस घटना ने न्यायपालिका की निगरानी की आवश्यकता को पुनः रेखांकित किया है।
सुप्रीम कोर्ट का रुख कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जिम्मेदारी के साथ काम करने का संकेत देता है।छत्तीसगढ़ शराब घोटाला कई करोड़ों का कथित भ्रष्टाचार मामला है, जिसमें अनिल टुटेजा पर भ्रष्टाचार और धनशोधन के आरोप हैं। ईडी इस मामले की जांच कर रही है। लेकिन कोर्ट की इस सख्ती ने ईडी की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।अब सबकी नजर ईडी के हलफनामे पर है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि एजेंसी ने इस मामले में किन प्रक्रियाओं का पालन किया।