शाजी थॉमस
कोरबा। एसईसीएल दीपिका क्षेत्र के अंतर्गत चल रही दीपका विस्तार परियोजना के तहत अमगांव क्षेत्र में कोयला खनन को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। ग्रामीण उदय नारायण जायसवाल और उनके परिजनों ने आरोप लगाया है कि खनन के लिए अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा उन्हें अभी तक नहीं दिया गया है। वहीं, परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि वन विभाग को निर्धारित राशि प्राप्त होने के बाद ही पेड़ों की कटाई और खनन कार्य की अनुमति दी गई है।
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वन विभाग को मिली राशि, विभाग ने जारी किया आदेश।
परियोजना के अंतर्गत खनन कार्य शुरू करने से पहले 1,347 पेड़ों की कटाई और 10 गुना पौधारोपण के लिए कुल ₹1,17,88,279/- का भुगतान किया गया। महाप्रबंधक एसईसीएल दीपिका क्षेत्र ने इस धनराशि का चेक क्रमांक 466302 दिनांक 16 नवंबर 2024 को वन विभाग को सौंपा। इस राशि में ₹16,50,133/- पेड़ों की कटाई और उनके परिवहन के लिए तथा ₹1,01,38,146/- पौधारोपण के लिए आवंटित किए गए हैं।
ग्रामीणों का विरोध, प्रशासनिक मदद से शुरू हुआ खनन ।
खनन कार्य को लेकर ग्रामीणों और परियोजना प्रबंधन के बीच तनाव जारी है। ग्रामीणों ने पेड़ों की कटाई और खनन कार्य रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रशासनिक मदद से खनन कार्य शुरू कर दिया गया। तहसीलदार की मौजूदगी में खनन कार्य जारी रखने का फैसला लिया गया।
दीपिका प्रबंधन के खिलाफ राजेश जायसवाल ने जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक से शिकात की है।
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ग्रामीणों की मांग और बढ़ता विवाद।
ग्रामीणों ने मुआवजा न मिलने पर नाराजगी जताई है और खनन कार्य पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि खनन से उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और पर्यावरणीय नुकसान भी होगा। दूसरी ओर, परियोजना अधिकारी खनन कार्य को कानूनन और प्रक्रियागत मानकों के अनुसार बता रहे हैं।इस विवाद ने प्रबंधन और स्थानीय लोगों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। प्रबंधन का कहना है कि खनन कार्य को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी की गई हैं, जबकि ग्रामीण अपनी भूमि और अधिकारों की रक्षा के लिए अड़े हुए हैं। यह देखना बाकी है कि प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच यह विवाद कब और कैसे सुलझता है।
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