शाजी थॉमस
दिवाली को दीपों का त्योहार माना जाता है। इस दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे।इस दिन को भगवान राम के आने की खुशी में मनाया जाता है।आध्यात्मिक महत्व: दिवाली पर दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।इस दिन घर की सफ़ाई करने का मतलब है आंतरिक शुद्धि।व्यापारिक महत्व: दिवाली का त्योहार व्यापारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. वे इस दिन अपने व्यापार में समृद्धि की कामना करते हैं।जैन धर्म में महत्व: जैन धर्म में दिवाली को महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. जैन धर्म के मुताबिक, इसी दिन महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।बुराई से लड़ने का संदेश: दिवाली बुराई से लड़ने और अच्छाई के रास्ते पर चलने का संदेश देती है।
31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से अमावस्या प्रारंभ हो चुकी होगी और प्रदोष काल अमावस्या तिथि पर रहेगी। ऐसे में 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट के बाद दिवाली लक्ष्मी पूजन आरंभ कर दें। वहीं दूसरी तरफ 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट तक अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी और सूर्यास्त 05 बजकर 36 मिनट होगा।