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शाजी थॉमस

दिल्ली/नई लोकसभा में चल रहे विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है. नारी शक्ति वंदन बिल नाम से लोकसभा में इस बिल को पेश किया गया. महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े हैं. इन वोट्स के साथ दो तिहाई बहुमत से महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास हो गया है. जबकि 2 सांसदों ने इस बिल के खिलाफ जाकर वोटिंग की. इस बिल के पास होने के बाद महिलाओं को लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में 33 फीसदी का आरक्षण मिलेगा.बिल में प्रस्ताव दिया गया है कि महिलाओं के लिए ये आरक्षण अगले 15 सालों तक के लिए है. महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में डी-लिमिटेशन के बाद उन्हें रोटेट किया जाएगा. आजादी के बाद से लेकर आजतक भारत की राजनीति में एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि संसद में महिला आरक्षण बिल पूर्ण बहुमत के साथ पारित हो गया है. देश में 25 साल से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है.इस विधेयक को कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई लोकसभा में पेश किया था लेकिन सदन की कार्यवाही स्थगित होने के कारण इस महत्वपूर्ण विधेयक पर बुधवार को फिर से चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने नीति-निर्माण में अधिक महिलाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि राष्ट्र में उनका योगदान और बढ़ सके. उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर ने उन्हें महिला सशक्तिकरण के कार्य को आगे बढ़ाने का अवसर दिया है.

ओबीसी आरक्षण को भी शमिल करना चाहिए राहुल गांधी

पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए संसद में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि “यह (महिला आरक्षण विधेयक) एक बड़ा कदम है और मुझे यकीन है कि हर कोई – सत्ता पक्ष और विपक्ष – इस बात से सहमत हैं कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है. मेरे विचार से एक बात है, जो इस बिल को अधूरा बनाता है. उन्होंने लोकसभा में कहा कि “मैं चाहूंगा कि ओबीसी आरक्षण को इस बिल में शामिल किया जाए”.

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