कोरबा। राज्य में DMF के मद में सबसे ज्यादा रकम कोरबा जिले को मिलती है, और इसकी सबसे ज्यादा बंदरबांट भी इसी जिले में होती है। आये दिन यहां DMF की रकम से कराये गए कार्यों में किये गए भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाश में आती ही रहती हैं। इस बार करतला जनपद के अंतर्गत कराये गए निर्माण कार्यों की पोल खुली, जिसके बाद सब इंजीनियर को निलंबित करने का आदेश मंत्रालय से जारी किया गया।
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विधायक ननकी राम कंवर ने की थी शिकायत
कोरबा जिले के करतला जनपद पंचायत के अंतर्गत निर्माण से संबंधित 16 कार्यों के लिए जिला खनिज न्यास (DMF) से फण्ड सैंक्शन कराया गया। मामला लगभग 3 वर्ष पुराना है, जिसके लिए जनपद पंचायत के प्रतिनिधियों और इंजिनियर और अधिकारियों ने मिलकर भूमिका तैयार की। किसी स्कूल का बाउंड्रीवाल अधूरा बताकर, तो कहीं पर काम हो जाने के बाद फिर से उसी काम के लिए फंड सैंक्शन करा लिया गया। इन कार्यों को तकनिकी स्वीकृति और कार्य के मूल्यांकन में सब इंजीनियर अश्वनी कुमार पांडेय की भूमिका रही। इन सभी कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया जिसकी शिकायत इलाके के भाजपा विधायक और दिग्गज आदिवासी नेता ननकी राम कंवर ने की।
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बॉउंड्री वाल की बढ़ा दी गई लंबाईकरतला ब्लॉक के ग्राम सरगबुंदिया और कर्रापाली में संचालित सरकारी स्कूलों में बताया जा रहा है कि पहले से ही बॉउंड्री वाल निर्मित था जिसे पूरा करने के नाम पर बॉउंड्री की लंबाई इतनी बढ़ा दी गई जितनी बन ही नहीं सकती, अर्थात काम से लिए ज्यादा रकम सैंक्शन करा लिया। ऐसे ही अधिकांश कार्य के लिए स्वीकृति कराइ गई। करतला जनपद उपाध्यक्ष के गांव नोनबिर्रा में तो कई कार्य हो जाने के बाद उन्हें दोबारा स्वीकृत कर रकम की बंदरबांट कर ली गई।
पूर्व में CEO और SDO हो चुके हैं सस्पेंड
इस मामले की जांच में भारी वित्तीय अनियमितता पाई गई। हालांकि शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई और अधिकारी बचते रहे। बाद में इस मामले को विधायक ननकी राम ने विधानसभा में उठाया। जिसके बाद जनपद पंचायत करतला के CEO जी के मिश्रा और SDO (RES) एस के साहू को बारी-बारी से निलंबित किया गया।बिना स्थल निरीक्षण के AS और TSबिना स्थल निरीक्षण के स्टीमेट तैयार कर काम कम और मूल्यांकन ज्यादा करने का काम ग्रामीण यांत्रिकी विभाग RES कोरबा में पदस्थ सब इंजीनियर अश्वनी कुमार पांडेय ने किया। इन सभी कार्यों की शिकायत ननकी राम कंवर द्वारा किये जाने के बाद RES उपसंभाग करतला में पदस्थ उप यंत्री पांडेय के खिलाफ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मण्डल, बिलासपुर से 26 नवंबर 2020 को गठित जांच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इसमें पाया गया कि विकासखण्ड करतला के 16 निर्माण कार्यों का बिना स्थल परीक्षण तकनीकी स्वीकृति दे दी गई। इतना ही नहीं, सब इंजीनियर पांडेय के द्वारा सत्यापन में अनियमितता किया जाना भी पाया गया।नोटिस के 2 साल बाद सस्पेंशनसंयुक्त जांच समिति के प्रतिवेदन की अनुशंसा के आधार पर अश्विनी कुमार पाण्डेय, उप अभियंता जनपद करतला. जिला कोरबा के विरूद्ध विभिन्न मद में स्वीकृत कार्यों में वित्तीय अनियमित के कारण निलंबन एवं विभागीय जांच की अनुशंसा की गई। मुख्य अभियंत यांत्रिकी सेवा से 16 जून को प्राप्त तुलनात्मक अभिमत में बगैर स्थल निरीक्षण के स्टीमेट तैयार करने, अधिक राशि का कार्य कराने एवं कार्य अनुरूप माप पुस्तिका में माप करने के लिए पाण्डेय को जिम्मेदार ठहराया गया। गड़बड़ी पाए जाने के बाद अश्वनी कुमार पांडेय को 26 जुलाई 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी जवाब मांगा गया था। उसके बाद यह मामला दबा रहा और कोई भी करवाई नहीं हुई। विधायक कंवर ने जब मामला विधानसभा में उठाया तब विभाग की सक्रियता बढ़ी और अब जाकर सब इंजिनियर अश्वनी कुमार पांडेय को सस्पेंड किया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्रालय से पांडेय के निलंबन का आदेश जारी किया गया।करोड़ों के वारे-न्यारे जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत कराये गए इन निर्माण कार्यों की आड़ में लगभग ढाई करोड़ रुपयों की बंदरबांट का आंकलन किया जा रहा है। इस कार्य में करतला जनपद के पूर्व उपाध्यक्ष की प्रमुख भूमिका बताई जा रही है। बताया जाता है कि सब इंजिनियर पांडेय जनपद उपाध्यक्ष के कहे मुताबिक हर कार्य को आंखमूंद कर स्वीकृत किया करता था, जिसके चलते उसके ऊपर गाज गिरी। DMF की रकम का इसी तरह कोरबा जिले में दुरूपयोग किया जा रहा है और जन-प्रतिनिधियों से लेकर विभाग प्रमुख, इंजीनियर्स और जिले के मुखिया भी अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं।