Shaji Thomas

कोरबा, 8 जुलाई 2025 — श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर मंगलवार को एसईसीएल में कर्मचारियों की उपस्थिति पर तो देखा गया, लेकिन कोयला उत्पादन और ओबीआर निष्कासन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा। उल्टा पहली पाली में कल के मुकाबले अधिक उत्पादन दर्ज किया गया।

एसईसीएल प्रबंधन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पहली पाली में कर्मचारियों की उपस्थिति लगभग 51% रही, जबकि दूसरी पाली में यह घटकर 47% पर आ गई। बावजूद इसके, कंपनी ने पहली पाली में 87,197 टन कोयले का उत्पादन किया, जो कि कल की पहली पाली के उत्पादन 85,419 टन से अधिक रहा। इसी तरह ओवरबर्डन रिमूवल (ओबीआर) का निष्कासन भी बढ़कर 1,81,970 मिलियन क्यूबिक मीटर पहुंच गया, जबकि कल की पहली पाली में यह 1,32,433 MCuM रहा था।दूसरी पाली में कंपनी के 20 में से 19 खुली खदानें पूरी तरह या आंशिक रूप से संचालित रहीं।

भूमिगत खदानों में करीब एक तिहाई खदानें सामान्य रूप से और एक तिहाई आंशिक रूप से संचालित होती रहीं। हालांकि, ओपन कास्ट माइंस की तुलना में यूजी माइंस में उपस्थिति कम रही।एसईसीएल प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा, “उत्पादन और ओबीआर जैसे महत्वपूर्ण कार्य संचालन हड़ताल के बावजूद प्रभावित नहीं हुए हैं।”वहीं, ट्रेड यूनियन नेताओं ने इसे अपनी सफलता बताया।

दीपका एचएमएस अध्यक्ष तरुण राहा ने कहा, “हड़ताल पूरी तरह सफल रही।”इसी तरह इंटक अध्यक्ष देंमंत मिश्रा ने दावा किया कि “गेवरा क्षेत्र में हड़ताल शत-प्रतिशत सफल रही।

इस प्रकार एसईसीएल में हड़ताल का असर जहां कर्मचारियों की उपस्थिति पर जरूर दिखा, वहीं कोयला उत्पादन और ओबीआर निष्कासन जैसे प्रमुख कार्य प्रभावित हुए बिना चलते रहे, जिससे उपभोक्ताओं को कोयला आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रही।

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