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शाजी थामस
कोरिया/छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के ग्राम गेजी में लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब 5 करोड़ की लागत से बन रहे गेज पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाले स्थानीय ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत की तो मामले की कवरेज के लिए पत्रकार सुनील शर्मा को बुलाया गया। पत्रकार द्वारा मामले को उजागर करने के बाद ठेकेदार ने उन्हें धमकियां दीं।
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पत्रकार सुनील शर्मा ने इस मुद्दे पर पुल निर्माण में लगे इंजीनियर से चर्चा की। इंजीनियर ने ठेकेदार से बात करने की सलाह दी। जब ठेकेदार से संपर्क किया गया तो उसने पहले तो मामले में लालच दिया मगर जब बात नहीं तो धमकी भरे लहजे में कहा कि वह 500 करोड़ का टर्नओवर रखने वाला ठेकेदार है और किसी को रास्ते से हटाने के लिए 1 करोड़ रुपये खर्च कर सकता है। ठेकेदार ने बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्रकार का उदाहरण देते हुए ऐसी ही धमकी दी।
ठेकेदार का धमकी भरे ऑडियो रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा।
इस बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सामने आई है जिसमें ठेकेदार की धमकी स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है। यह रिकॉर्डिंग सार्वजनिक होने के बाद मामला और गंभीर हो गया।
इस मामले ने एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा पर खड़े किए सवाल।यह घटना छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के मामलों को उजागर करने वाले पत्रकारों को लगातार धमकियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पत्रकारिता करना एक चुनौती बन गई है। भ्रष्टाचारी अपने धन बाल के बदौलत पत्रकारों को दबाने की कोशिश करते हैं या फिर उन्हें रास्ते से हटाने की बात करते हैं।
दीपका नगर पालिका क्षेत्र में हाल ही में एक पत्रकार को इसी तरह की धमकियां कथित नेता रूपी ठेकेदार द्वारा दी गई थीं जब उन्होंने टेंडर मैनेजमेंट और भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर खबर प्रकाशित की थी। हालांकि इस मुद्दे पर शिकायत नहीं की गई है।
ग्रामीणों और पत्रकार संगठनों ने इस मामले में ठेकेदार की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल पत्रकारिता को प्रभावित करती हैं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों का मनोबल भी गिराती हैं।सरकार और प्रशासन को चाहिए कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएं और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को संरक्षण दें। गेज पुल निर्माण से जुड़े इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।