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शाजी थामस

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की। रायपुर, धमतरी, और सुकमा जिलों में कुल सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया। ED ने दावा किया है कि छापे के दौरान यह प्रमाण मिला है कि कवासी लखमा ने अपने कार्यकाल के दौरान नकदी में अपराध से अर्जित धन (Proceeds Of Crime) प्राप्त किया।

ED की जांच के अनुसार, शराब घोटाले से 2161 करोड़ रुपये की अवैध आय हुई थी। इस घोटाले में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों के साथ कवासी लखमा पर भी मासिक आधार पर बड़ी धनराशि प्राप्त करने का आरोप है। छापे में कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त की गईं, जिनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड होने की संभावना है।

घोटाले के तीन प्रमुख हिस्से1. भाग-ए कमीशन: शराब की खरीद और बिक्री के दौरान डिस्टिलर्स से ‘केस’ के लिए रिश्वत।2. भाग-बी कच्ची शराब की बिक्री: बेहिसाब देशी शराब की अवैध बिक्री, जिसमें सारा पैसा सिंडिकेट ने हड़प लिया।3. पार्ट-सी कमीशन: शराब निर्माताओं से कार्टेल बनाने और बाजार में हिस्सेदारी दिलाने के लिए रिश्वत।

अब तक ED ने घोटाले से संबंधित 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है और पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। कवासी लखमा को समन जारी कर 3 जनवरी को ED के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। यह दूसरा समन है, क्योंकि पहले समन पर वे और उनके बेटे हरीश लखमा पेश नहीं हुए थे।

कवासी लखमा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका अनपढ़ होना अधिकारियों ने अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया। वे केवल अधिकारियों के निर्देश पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते थे।

इस मामले में ED ने विशेष न्यायालय (PMLA), रायपुर में पहले ही अभियोजन शिकायत दाखिल कर दी है। अब यह देखना होगा कि 3 जनवरी को कवासी लखमा की पेशी के बाद मामले में क्या नया मोड़ आता है।

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