Breaking
Oplus_131072

शाजी थामस

रायपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर की विशेष अदालत में 8021 पन्नों का चालान पेश किया है। इस मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और आदिवासी विकास विभाग की अधिकारी माया वारियर समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

घोटाले की कुल राशि 90.48 करोड़ रुपये बताई जा रही है।रानू साहू मई 2021 से जून 2022 तक कोरबा जिले की कलेक्टर थीं।आरोप है कि उन्होंने ठेकों में अनियमितताओं और दलाली के जरिये बड़ी रकम वसूली की है। माया वारियर अगस्त 2021 से मार्च 2023 तक आदिवासी विकास विभाग कोरबा में सहायक आयुक्त थीं।घोटाले में रानू साहू की सहयोगी रहीं और धनराशि को आगे पहुंचाने का काम किया।मनोज कुमार द्विवेदी (ठेकेदार)एनजीओ “उद्गम सेवा समिति” के माध्यम से ठेकेदारों से 12 करोड़ रुपये की अवैध वसूली का आरोप के साथ खुद 7-8 करोड़ रुपये कमाने का खुलासा भी परिवर्तन निदेशालय ने किया है।

ईडी ने माया वारियर को 15 अक्टूबर और रानू साहू को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया। इस घोटाले में रानू साहू के करीबी ठेकेदार मनोज द्विवेदी को भी गिरफ्तार किया गया। जांच में पाया गया कि डीएमएफ के ठेकों में भारी अनियमितताएं की गईं और ठेकेदारों से दलाली के जरिये धन की वसूली हुई।चालान कुल 8021 पन्नों का अभियोजन परिवाद दाखिल 169 पन्नों में विस्तृत अभियोजन शिकायत आरोपियों की भूमिका और लेन-देन का विस्तृत ब्योरा दिया गया है।

जिला खनिज न्यास निधि (DMF) का गठन खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और स्थानीय समुदायों के कल्याण के लिए किया गया था। परंतु, आरोप है कि अधिकारियों और ठेकेदारों ने इस निधि का दुरुपयोग किया और करोड़ों रुपये का घोटाला किया।यह मामला प्रशासनिक भ्रष्टाचार और धन की हेराफेरी का बड़ा उदाहरण है। ईडी की त्वरित जांच और गिरफ्तारियों ने घोटाले की जड़ तक पहुंचने का संकेत दिया है। अब यह देखना होगा कि विशेष अदालत में इस मामले में क्या फैसला होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!