शाजी थामस
कोरबा। कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमेन पीएम प्रसाद ने अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान एसईसीएल दीपका, कुसमुंडा और गेवरा कोयला खदानों का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने खदानों में चल रहे खनन कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि कोयला उत्पादन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पीएम प्रसाद ने दीपका खदान में उत्पादन क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इसे मौजूदा 18.67 मिलियन टन से बढ़ाकर 37.5 मिलियन टन तक पहुंचाने का निर्देश दिया है।
भूमि अधिग्रहण और क्लियरेंस बना प्रमुख रोड़ा
दीपका खदान क्षेत्र को निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा समय में केवल 16 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसमें से 11 हेक्टेयर पर ही सीएमपीडीआई से क्लियरेंस मिला है। शेष भूमि के लिए अधिग्रहण और क्लियरेंस प्रक्रिया लंबित है। इस देरी का प्रमुख कारण ग्रामीणों की समस्याएं, विस्थापितों को मुआवजा वितरण में देरी और नौकरी से संबंधित मुद्दे बताए जा रहे हैं।
मुआवजा वितरण और भूमि अधिग्रहण की धीमी प्रक्रिया।
दीपका क्षेत्र में चिन्हित नई भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी धीमी गति से चल रही है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों की लापरवाही के चलते मुआवजा वितरण और अधिग्रहण कार्यों में देरी हो रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इन बाधाओं के चलते निर्धारित उत्पादन लक्ष्य को पूरा करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अधिकारियों को सख्त निर्देश,कोल इंडिया चेयरमैन
कोल इंडिया के चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि देश में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन महत्वपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि खनन कार्यों में तेजी लाने के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी प्राथमिकता दी जाए। किसी भी तरह की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
संघर्ष के बावजूद आत्मविश्वास।
हालांकि, क्षेत्र के अधिकारियों का कहना है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे। अधिकारियों ने भरोसा जताया कि कोल इंडिया चेयरमैन द्वारा दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।