शाजी थामस
दीपका, छत्तीसगढ़/दीपका और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण के गंभीर स्तर पर चिंता जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता उमा गोपाल ने एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) प्रबंधन से इलाके में वैक्यूम क्लीनर गाड़ियों के संचालन की मांग की है। उनका मानना है कि इससे प्रदूषण के प्रमुख स्रोत—कोयला खनन और परिवहन के दौरान उड़ने वाली धूल—को नियंत्रित किया जा सकेगा।
दीपका क्षेत्र में कोयला खदानों की गतिविधियों और भारी वाहनों से होने वाले परिवहन के कारण बड़ी मात्रा में धूल और कोयले के कण हवा में घुल रहे हैं। इससे वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है और प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। उड़ने वाले इन कणों से स्थानीय लोगों को सांस की समस्याएं, एलर्जी, और फेफड़ों से संबंधित गंभीर बीमारियां हो रही हैं।
स्थानीय निवासियों पर प्रभाव प्रदूषण का सीधा असर दीपका के निवासियों पर पड़ा है। विशेष रूप से बच्चे और बुजुर्ग इससे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ने के साथ ही लोग अपने रोजमर्रा के जीवन में भी परेशानी महसूस कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता उमा गोपाल ने इस स्थिति को देखते हुए एसईसीएल प्रबंधन से वैक्यूम क्लीनर गाड़ियों के संचालन का प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि इस उपाय से सड़कों और परिवहन मार्गों पर उड़ने वाली धूल को साफ किया जा सकेगा, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
दीपका निवासियों ने उमा गोपाल की इस मांग का समर्थन किया है। वे मानते हैं कि यह कदम क्षेत्र के पर्यावरण को सुधारने और प्रदूषण से राहत दिलाने में कारगर हो सकता है।