शाजी थॉमस
Dipka News/ शनिवार बैग लेस डे को आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय दीपका में छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहार हरेली और आदिवासी दिवस को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्राचार्या आशा लता कौशिक, महेंद्र प्रताप राठौर ,विनय कुमार एवं समस्त शिक्षक गणों ओर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में सर्वप्रथम प्रभात फेरी के माध्यम से हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया। इसके पश्चात् भारत के नक्शे के जरिए भारतीय झंडे को सलामी दी गई ।
आदिवासी वेशभूषा में बच्चों ने किया मनमोहक नृत्य।
बच्चों के द्वारा आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया गया ।कक्षा पहली के छात्र-छात्राओं के द्वारा आदिवासी पोशाक पहनकर आदिवासी परंपरा का सम्मान किया गया। बच्चों के द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी के महत्व को भी प्रदर्शित किया गया । हरेली त्यौहार के महत्व को भी नृत्य कला के द्वारा एवं वेशभूषा प्रतियोगिता के द्वारा प्रदर्शित किया गया । प्राइमरी विंग एवं मिडल विंग के बच्चों के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों के द्वारा बहुत ही सुंदर एवं मनमोहक चित्र बनाए गए। इन चित्रों में आदिवासी परंपरा एवं हरेली के महत्व का सचित्र वर्णन देखने को मिला। कक्षा नौवीं एवं दसवीं के छात्रों ने भी नृत्य एवं वेशभूषा प्रतियोगिता में भाग लेकर छत्तीसगढ़ के महत्व को बहुत ही अद्भुत रूप से प्रदर्शित किया।इस कार्यक्रम के तहत बच्चे अपने-अपने घरों से अलग – अलग छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को लाये थे। विद्यालय प्रबन्ध ने भी अपनी ओर से व्यवस्था की थी। जिसे मिल-बांट कर सभी छात्र एवं शिक्षक एक साथ भोजन किये। दीपका प्राचार्य ऐसा लता कौशिक ने बच्चों को छत्तीसगढ़ राज्य की परंपरा ,आदिवासी लोक नृत्य ,छत्तीसगढ़ी साहित्य के महत्व एवं हरेली का त्यौहार क्यों मनाते हैं आदि को स्पष्ट रूप से बच्चों को समझाया और उन्होंने यह भी कहा इस तरह के प्रयास से सभी बच्चों में समानता और एकजुटता की भावना विकसित होती है और अपने राज्य के अनोखे इतिहास के रोचक तथ्यों को भी बच्चे खेल खेल में ही सीख जाते है।